रजनीगंधा
tuberosa the pearl polianthes tuberosa |
TUBEROSE BULBS - TUBEROSA THE PEARL POLIANTHES TUBEROSA - IN HINDI
रजनीगंधा
रजनीगंधा सभी फूल प्रेमियों के लिए सबसे लोकप्रिय फूलों में से एक है
किसी भी समारोह और घर के फूलदान में उपयोग करने के लिए यह एक पसंदीदा फूल है
रजनीगंधा के फूल ज्यादातर लोगों की भावनाओं को स्पंदित करता है
लगता है इसका कारन इनके महक और इस फूल से जुड़ी कुछ बहुत अच्छी यादें है ?
धार्मिक अनुष्ठानों, शादियों और उपहारों में इस फूल का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है
आज हम इन रजनीगंधा के बारेमे कुछ तथ्य जानेंगे , उदाहरण के लिए, इसका इतिहास, रोपण, इसकी देखभाल आदि..... आइए शुरू करते हैं
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किसी भी समारोह और घर के फूलदान में उपयोग करने के लिए यह एक पसंदीदा फूल है
रजनीगंधा के फूल ज्यादातर लोगों की भावनाओं को स्पंदित करता है
लगता है इसका कारन इनके महक और इस फूल से जुड़ी कुछ बहुत अच्छी यादें है ?
धार्मिक अनुष्ठानों, शादियों और उपहारों में इस फूल का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है
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कुछ तथ्य
- वैज्ञानिक नाम -- Polianthes tuberosa
- मूल निवासी -- Mexico
- प्रजाति -- Agave amica
- परिवार -- Asparagaceae
- ऊंचाई -- ३ फुट के करीब
- पत्ता -- १ फुट लंबा, गहरा हरा
रजनीगंधा के फूल आमतौर पर 4 किस्मों में पाए जाते हैं जैसे single, semi double, double, ओर variegated
इनमें से, एकल ( single ) पंखुड़ी वाले फूलों की गंध अधिकतम होता है , इसे देशी रजनीगंधा भी कहा जाता है
और इस प्रजाति का फूल वर्ष में अधिक समय तक फूल देता है
दो पंक्तियों में पंखुड़ियों वाले फूलों की किस्मों को "सेमी डबल" कहा जाता है , और पंखुड़ियों की तीन या चार पंक्तियों वाली फूलों को "डबल" कहा जाता है , इन फूलों से भी बहुत सुंदर गंध आती है
और फूलों की " वरिगेटेड " किस्में थोड़ी पिले रंग के होते हैं, लेकिन इनकी खुशबू थोड़ा कम होती है
इस फूल के अर्क से विभिन्न सुगंध बनाई जाती हैं
tuberosa the pearl polianthes tuberosa |
कुछ इतिहास
मनुष्य कबसे इसका उपयोग करते है इसका कोई विशिष्ट अवधि नहीं पाई जाती है
लेकिन सबसे पुरानी फूलों की खेती में, रजनीगंधा उनमे से एक है
ऐसा माना जाता है कि १६ वीं और १७ वीं शताब्दी के मध्य में इसे यूरोप के माध्यम से भारत लाया गया था
इस पौधे का पहला वैज्ञानिक नाम (पोलियान्थीस ट्यूबरोसा) सन १७५३ में कार्ल लिनिअस ( Carl Linnaeus) द्वारा वर्णित किया गया था
विवरण
रजनीगंधा कंद ( bulb ) से उत्पन्न होने वाला एक पौधा है
नया कंद पुराने पौधे के कंद से ही बनता है, पुराने पौधे के कंद को जमीन से उठा लिया जाता है , और नया पैदा हुआ कंद को अलग कर दिया जाता है , जिनको फिर से जमीन में लगाकर नए पौधे तथा फूल मिलते हैं
tuberose flower plant |
नए पौधे लगाने के लगभग ३ / ४ महीने बाद फूल आने लगते हैं
यह फूल आमतौर पर गर्मियों से लेकर मानसून तक होता है, ( मार्च-अप्रैल से लेकर अगस्त-सितम्बर तक )
सर्दिओ में इनके फूल बहुत काम होते है , लेकिन जैसा कि मैंने कहा, पूरे वर्ष में देसी रजनीगंधा का फूल कम ज्यादा होते रहते है , ( बहुत ठंडे समय को छोरके )
रजनीगंधा लगभग सभी प्रकार की मिट्टी व जलबायु में जीवित रह सकता है
इसे पूर्ण सूर्य के प्रकाश में रखा जाना चाहिए , जिससे यह बहुत अच्छी तरह से बढ़ता है और अधिक फूल देता है
कई लोग इस पौधे को अपने बगीचे में या गमले में लगाते हैं
जब इनके फूल खिलते है तब बहुत ही खूबसूरत लगते है , शाम के वक्त जब हवा में इसकी सुगंध फैलता है तब पुरे दिन के थकान को मिटा देता है , साथ ही मन प्रसन्न्ताओ से भर उठता है
आइए इस पौधे को लगाने के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करें
पौधा रोपण
नए बल्ब लगाने से पहले, इसे अच्छी तरह से साफ करें और फिर किसी भी फंगल पाउडर जैसे के ( dithane , bavistin , saaf etc. ) इसमें अच्छे से लगाकर 1 घंटे के लिए रख दें
और यदि आप नर्सरी से नए पौधे लाते हैं, तो आप इसे वैसेही लगा सकते हैं , क्योंकि नर्सरी में सभी ब्यबस्थाय करके ही पौधा लगाया जाता है
और यदि आप नर्सरी से नए पौधे लाते हैं, तो आप इसे वैसेही लगा सकते हैं , क्योंकि नर्सरी में सभी ब्यबस्थाय करके ही पौधा लगाया जाता है
- मिटटी -- ५० %
- खाद -- ५० %
- हड्डीचुरा -- २०० ग्राम प्रति गमला
किसीभी प्रकार के मिटटी ले सकते हैं
कोई भी खाद ले सकते हैं (पत्ते से बना खाद, गोबरखाद, या केचुए से बना खाद)
हडडिचुरा फर्टिलाइजर बाली दुकान में मिल जाएगा ना मिले तो अंडे की छिलके का पॉवडर बनाके भी दे सकते है 4/5 चम्मच
tuberose soil mix |
इन सबको अच्छे से मिला लीजिये बस आपकी मिटटी तैयार
नए पौधे लगाने के लिए ७ से ८ इंच का गमला सही होता है
सबसे पहले गमले को लीजिये देखिये उनके निचे जो छेद हैं उसपर एक टूटे हुए गमले का टुकड़ा रखने के बाद उसपर थोड़ासा रेत डालकर तभी उसपर मिटटी डालिये। इससे क्या होगा के आपके गमले से अत्यधिक पानी निकल जाता हैं और आपके पौधे स्यस्थ रहते हैं
अब पौधे को लगा दीजिये और थोड़ासा पानी दीजिये
देखरेख
इस पौधे में कीड़े मकोड़े नहीं लगते इसीलिए दबाई छिरकनेकी जरुरत नहीं होती है
सिर्फ १० - १५ दिन के अंतराल में सरसो के खली को दो दिन पानी में भिगोके उसका कारा दे सकते है
कुछ दिनों के अंतराल के बाद, गमले की मिट्टी को थोड़ा थोड़ा खोद दिया करे, क्योंकि मिट्टी खोखली होने से पौधे स्वस्थ रहते है
जब पौधे पुराना हो जाए तो सभी कंदों को निकाल लें और नए कंदों को इससे अलग कर दें ,
इससे आपको नए पौधे भी मिल गए, और फिर से नए पुराने पौधे को नवनिर्मित मिट्टी पर लगा दिया गया
tuberosa the pearl polianthes tuberosa |
किसी किसी को फूलो के पौधे में कुछ समय के बाद फूल होना कॉम हो जाते है या पूरा ही बंद हो जाता है
इसका कारन मुझे लगता हैं के कैमिकल फर्टिलाइजर का नियमित इस्तेमाल करना ?
शुरू शुरू में तो परिणाम अच्छा मिलता है लेकिन कुछ समय के बाद गमले के मिटटी को ख़राब कर देते है
मैंने खुद इसका अनुभब किया है
कैमिकल फर्टिलाइजर का नियमित इस्तेमाल से मिटटी सूखा और सख्त हो जाता है जिससे पौधे की जर फेल नहीं पाते , पानी सोखने की ताकत भी काम हो जाते है
इसीलिए मैं न तो कैमिकल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करता हूँ न ही किसीको इसकी सलाह देता हूँ
में हमेशा जैविक खाद का ही इस्तेमाल करता हूँ
इसका कारन मुझे लगता हैं के कैमिकल फर्टिलाइजर का नियमित इस्तेमाल करना ?
शुरू शुरू में तो परिणाम अच्छा मिलता है लेकिन कुछ समय के बाद गमले के मिटटी को ख़राब कर देते है
मैंने खुद इसका अनुभब किया है
कैमिकल फर्टिलाइजर का नियमित इस्तेमाल से मिटटी सूखा और सख्त हो जाता है जिससे पौधे की जर फेल नहीं पाते , पानी सोखने की ताकत भी काम हो जाते है
इसीलिए मैं न तो कैमिकल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करता हूँ न ही किसीको इसकी सलाह देता हूँ
में हमेशा जैविक खाद का ही इस्तेमाल करता हूँ
आशा है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी
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wonderful information.
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