Friday, September 29, 2023

पेटुनिया फूल एवं पौधे की पूरी जानकारी और देखभाल Petunia Plant Care in Pots in Hindi

Hobbyaana

पेटुनिया फूल एवं पौधे की पूरी जानकारी और देखभाल Petunia Plant Care in Pots in Hindi

Petunia Plant Care in Pots in Hindi
Petunia Plant Care in Pots in Hindi

पेटुनिया एक आकर्षक और लोकप्रिय फूल हैं जो अपने जीवंत और विविध रंगों के लिए जाने जाते हैं, जो उन्हें फूल प्रेमियों के बीच एक पसंदीदा विकल्प बनाता है। सोलानेसी (Solanaceae) परिवार से संबंधित ये वार्षिक या बारहमासी पौधे तुरही (trumpet) के आकार के फूल पैदा करते हैं जो नाजुक और आकर्षक रंग के होते हैं। विभिन्न प्रकार की जलवायु में उगने में सक्षम, पेटुनिया बगीचों, लटकती टोकरियों और गमलो में रंग और सुंदरता जोड़ता है। वे कम रखरखाव के साथ प्रचुर मात्रा में फूल पैदा कर सकते हैं, जिससे वे नौसिखिया और अनुभवी फूल उत्पादकों दोनों के लिए एक आदर्श विकल्प बन जाते हैं।

एक संक्षिप्त इतिहास

1. दक्षिण अमेरिकी मूल (18वीं शताब्दी के अंत में): पेटुनिया (Petunia spp.) दक्षिण अमेरिका, विशेष रूप से अर्जेंटीना और ब्राजील के कुछ हिस्सों के मूल निवासी। तुपी-गुआरानी जनजाति (Tupi-Guarani tribe) जैसे स्वदेशी लोग, इस रंगीन फूल की खेती करने वाले पहले व्यक्ति थे

2. यूरोपीय परिचय (19वीं सदी की शुरुआत): यूरोपीय वनस्पतिशास्त्री और खोजकर्ता 19वीं सदी की शुरुआत में दक्षिण अमेरिका की यात्रा के बाद पेटुनिया की आकर्षक उपस्थिति, रंगों और पैटर्न की विविधता से मोहित होकर पेटुनिया को यूरोप ले आए।

3. वानस्पतिक वर्गीकरण (19वीं शताब्दी के मध्य): पेटुनिया को औपचारिक रूप से वर्गीकृत किया गया और 1823 में फ्रांसीसी वनस्पतिशास्त्री एंटोनी लॉरेंट डी जुसीउ द्वारा नामित किया गया। "पेटुनिया" नाम फ्रांसीसी शब्द "पेटुन" "petun" से आया है जिसका अर्थ है "तंबाकू"। पेटुनिया तम्बाकू पौधे (निकोटियाना) से संबंधित है।

19वीं सदी के अंत में, बागवानों और प्रजनकों ने अपने सजावटी मूल्य के लिए पेटुनिया की खेती शुरू की। इन शुरुआती प्रयासों के परिणामस्वरूप पहली किस्में सामने आईं, जो मुख्य रूप से सुगंधित थीं और जिनमें आधुनिक पेटुनीया की तुलना में छोटे फूल थे।

20वीं शताब्दी के दौरान, पेटुनीया ने व्यापक प्रजनन और संकरण के प्रयास शुरू किए, जिसके परिणामस्वरूप ग्रैंडिफ़्लोरा, मल्टीफ़्लोरा और मिलिफ़्लोरा सहित किस्मों का विकास हुआ। इन नई किस्मों में बड़े फूल और अनोखे रंग थे

Petunia Plant Care in Pots in Hindi
Petunia Plant Care in Pots in Hindi

जाति

पेटुनीया विभिन्न प्रकार के रंगों और पैटर्न में आते हैं, जो उन्हें बगीचों, लटकती टोकरियों और गमलो के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बनाते हैं। यहां विभिन्न प्रकार के पेटुनिया फूलों का वर्णन दिया गया है:

ग्रैंडिफ़्लोरा पेटुनिया, मल्टीफ़्लोरा पेटुनिया, मिलिफ़्लोरा पेटुनिया, वेव पेटुनिया, सर्फ़िनिया पेटुनिया, कैस्केडिंग पेटुनिया, डबल पेटुनिया, फ्रिली पेटुनिया, वेन्ड पेटुनिया, बाई-कलर्ड पेटुनिया, नाइट स्काई पेटुनिया, ब्लैक वेलवेट पेटुनिया, मिनिएचर पेटुनिया, पिकोटी पेटुनिया और भी बहुत कुछ। हैं, जो भिन्न-भिन्न रंग, आकार, आकृति के होते हैं।

पौधा रोपण 


जैसा कि हम जानते हैं कि बहुत से लोग अपने बगीचे या गमलो में पेटुनिया के पौधे लगाते हैं इसलिए आज हम इस पौधे को लगाने के बारे में कुछ जानकारी उपलब्ध करबायेंगे 

सबसे पहले, मिट्टी बनाते है

➽  मिट्टी - ५० %
➽  उर्वरक - ३० %
➽  नदी की रेत - १० %
➽  कॉकपिट - १० %
➽  हडडिचुरा  १५० ग्राम प्रति गमला 

Petunia Potting mix
Petunia potting mix 


किसी भी खेती योग्य मिट्टी को लिया जा सकता हे,  केंचुआ से बना उर्वरक सबसे अच्छा होता है, अगर आपको यह नहीं मिलता है, तो आप पत्ते से बना खाद या गोबरखाद का उपयोग भी कर सकते हैं
इन सबको अच्छे से मिलाएं - अब आपकी मिट्टी तैयार है
पौधे लगाने के लिए कम से कम १० इंच के गमले का उपयोग करना चाहिए, जब यह एक डेढ़ साल का हो जाता है, तब आप इसे १२ / १५  या उससे बड़े वाले गमले में प्रत्यारोपण कर सकते हैं
किसी भी पौधा लगाने के लिए हमेशा मिट्टी के गमले का उपयोग करना अच्छा होता है 
सबसे पहले गमले को लीजिये देखिये उनके निचे जो छेद हैं  उसपर एक टूटे हुए गमले का टुकड़ा रखने के बाद उसपर थोड़ासा रेत डालकर तभी उसपर मिटटी डालिये। इससे क्या होगा के आपके गमले से अत्यधिक पानी निकल जाता हैं और आपके पौधे स्यस्थ रहते हैं
अब पौधे को लगाकर उसपे थोड़ा पानी दाल दीजिये 
Petunia Plant Care in Pots in Hindi
Petunia Plant Care in Pots in Hindi

देखरेख 


इस पौधे को हमेशा धूप में रखना चाहिए

पेटुनिया के पौधे को कभी भी ज्यादा पानी न दें, क्योंकि जब पानी बहुत अधिक हो जाता है तो पेड़ की जड़ें सर जाती हैं, हालांकि जब पेड़ पर कई सारे फूल लगे हुए हो तब थोड़ा ज्यादा पानी की जरूरत होती है
बरसात के मौसम में थोड़ासा सतर्क रहने की जरुरत होता हे और अगर ज्यादा बारिश हो तो इसके पौधे समेत गमले को जमीनपर लेटाके भी रख सकते है
कुछ दिनों के अंतराल के बाद, गमले की मिट्टी को थोड़ा थोड़ा खोद दिया करे, क्योंकि मिट्टी खोखली होने से पौधे स्वस्थ रहते है
१० / १५ दिन के अंतराल में थोड़ीसी सरसो की खली को २ / ३ दिन पानी में भिगोके उसका कारा देनी चाहिए 
पेटुनिया पूर्ण सूर्य में उगते हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें प्रति दिन कम से कम 6-8 घंटे सीधी धूप की आवश्यकता होती है। हालाँकि आप उन्हें विशेष रूप से गर्म मौसम में हल्की छाया में रख सकते हैं।

रोग और उसका इलाज


सामान्य कीट: एफिड्स, स्लग और बडवर्म से सावधान रहें। उचित कीटनाशकों या प्राकृतिक उपचारों से संक्रमण का तुरंत इलाज करें।

प्राकृतिक समाधान: कीटों को नियंत्रित करने के लिए नीम के तेल या कीटनाशक साबुन जैसे प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करने पर विचार करें। बीमारी के लिए, प्रभावित पौधे के हिस्सों को काट दें और ऊपर से पानी देने से बचें। पौधे को स्वस्थ रखने, अधिक फूल आने की संभावना बढ़ाने और फंगल रोगों से बचने के लिए हमेशा सूखे फूलों को हटा दें।

सहयोगी पौधे: पेटुनीया अन्य पौधों के साथ जोड़े जाने पर आश्चर्यजनक लगते हैं जो पूर्ण सूर्य में उगते हैं, जैसे कि मैरीगोल्ड्स, वारबेना, या लोबेलियास।
Petunia Plant Care in Pots in Hindi
Petunia Plant Care in Pots in Hindi


अंत में 


किसी किसी को फूलो के पौधे में कुछ समय के बाद फूल होना कॉम हो जाते है या पूरा ही बंद हो जाता है 
इसका कारन मुझे लगता हैं के कैमिकल फर्टिलाइजर का नियमित इस्तेमाल करना  ?
शुरू शुरू में तो परिणाम अच्छा मिलता है लेकिन कुछ समय के बाद गमले के मिटटी को ख़राब कर देते है 
मैंने खुद इसका अनुभब किया है 
कैमिकल फर्टिलाइजर का नियमित इस्तेमाल से मिटटी सूखा और सख्त हो जाता है जिससे पौधे की जर फेल नहीं पाते , पानी सोखने की ताकत भी काम हो जाते है 
इसीलिए मैं न तो कैमिकल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करता हूँ न ही किसीको इसकी सलाह देता हूँ 
में हमेशा जैविक खाद का ही इस्तेमाल करता हूँ 

मन पसंद रेसिपी के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग पर जाये Tasty with Healthy

अन्य लेख पड़ने के लिए इनपर क्लिक करे -- रजनीगंधा  बोगेनवेलिया  अडेनियम  बजरिगर  

धन्यबाद 

Monday, September 25, 2023

Petunia Flower How to Plant, Grow, and Care Information and Tips in English

Hobbyaana

Petunia Flower How to Plant, Grow, and Care Information and Tips in English

Petunia Flower care and information
Petunia Flower care and information


Petunias are charming and popular flowers known for their vibrant and varied colors, which make them a favorite choice among florists and flower lovers. Belonging to the Solanaceae family, these annual or perennial plants produce trumpet-shaped flowers that are delicate and eye-catching in color. Able to grow in a variety of climates, petunias add color and elegance to gardens, hanging baskets and pots. They can produce abundant blooms with little maintenance, making them an ideal choice for both novice and experienced florists.

A brief history

1. Native South American Origins (late 18th century): Petunia (Petunia spp.) Native to South America, particularly Argentina and parts of Brazil. Indigenous peoples, such as the Tupi-Guarani tribe, were the first to cultivate this colorful flower

2. European introduction (early 19th century): European botanists and explorers brought petunias to Europe after traveling to South America in the early 19th century, fascinated by petunia's attractive appearance, variety of colors and patterns.

3. Botanical classification (mid-19th century): Petunia was formally classified and named in 1823 by French botanist Antoine Laurent de Jussieu. The name "petunia" comes from the French word "petun" which means "tobacco". Petunia is related to the tobacco plant (nicotiana).

In the late 19th century, horticulturists and breeders began cultivating petunias for their ornamental value. These early efforts resulted in the first cultivars, which were predominantly fragrant and had smaller flowers than modern petunias.

Throughout the 20th century, petunias began extensive breeding and hybridization efforts, resulting in the development of varieties including grandiflora, multiflora, and milliflora. These new varieties had larger flowers, unique colors

Petunia Flower care and information
Petunia Flower care and information


The species

Petunias come in a variety of colors and patterns, making them a popular choice for gardens, hanging baskets and pots. Here are descriptions of different types of petunia flowers:

Grandiflora Petunia, Multiflora Petunia, Milliflora Petunia, Wave Petunia, Surfinia Petunia, Cascading Petunia, Double Petunia, Frilly Petunia, Veined Petunia, Bi-Colored Petunia, Night Sky Petunia, Black Velvet Petunia, Miniature Petunia, Picoti Petunia, and many more. There are, which are of different colors, sizes, shapes,

Planting Petunia:

As we know many people plant petunias in their garden or in pots so today let's know some information about planting this plant.

First the soil is prepared

Soil – 50%

Fertilizer -- 30%

River Sand - 10%

Cocopeat - 10%

Bone meal 150 grams per pot

Petunia potting mix
petunia potting mix


Any cultivable soil should be taken. Vermi-compost  is the best fertilizer if you can't find it, you can use potash or cow dung.

Mix all these well- now your soil is ready.

At least 6/8 inch tubs should be used for planting petunias.

Always use earthen tubs for planting any plant.

First take the tub. Place an opening on the hole under the tub and add some sand on top of the prepared soil. This allows excess water to drain easily and keep your plant healthy.

Now plant petunia seedlings and give it little water.

Petunia Flower care and information
Petunia Flower care and information


Care:

This plant should always be kept in sunlight.

Never overwater petunias. If there is too much water, its roots will rot and the whole plant will die. But when the plant has many flowers, a little more water is needed.

Be careful during rainy season, during heavy rains, you can keep the tub tilted to the side of the tree.

After a few days, the soil of the tub will be dug a little. What happens if the soil is hollow, the tree is healthy.

Apart from 7/10 days, a little bit of mustard leaves should be rot in water for 2-3 days and its slurry should be mixed with water.

Petunias grow in full sun, meaning they need at least 6-8 hours of direct sunlight per day. However you can keep them in some light shade especially in hot climates.

Pests and Diseases:

Common pests: Watch out for aphids, slugs and budworms. Treat infestations immediately with appropriate insecticides or natural remedies.

Natural solutions: Consider using natural remedies like neem oil or insecticidal soap to control pests. For disease, prune off affected plant parts and avoid overhead watering. Always remove dried flowers to keep the plant healthy, increase the chances of more blooms and avoid fungal diseases.

Companion Plants: Petunias look stunning when paired with other plants that grow in full sun, such as marigolds, verbenas or lobelias.

Petunia Flower care and information
Petunia Flower care and information


In the end

In some plants, after a few days the flowering decreases or stops completely.

I think this is due to regular application of chemical fertilizers.

In the beginning, the results are good but after a few days the soil in the tub starts to deteriorate.

I realized it myself.

Due to regular application of chemical fertilizers, the soil becomes rough and hard, as a result of which the roots of the plants cannot spread properly and the water holding capacity also decreases.

That's why I don't use it myself and I don't recommend it to anyone.

I always use organic fertilizers

Thank You

Thursday, September 21, 2023

পেটুনিয়া ফুলের দেখাশোনা Petunia Care in Pots in Bengali Petunia Common Name

 Hobbyaana

পেটুনিয়া ফুলের দেখাশোনা  Petunia Care in Pots in Bengali Petunia Common Name

petunia flower care in bengali
petunia flower care in bengali


পেটুনিয়া হল মনোমুগ্ধকর এবং জনপ্রিয় একটি ফুল যা তাদের প্রাণবন্ত এবং বৈচিত্র্যময় রঙের জন্য পরিচিত, যেটা তাদের ফুলচাষী এবং ফুলপ্রেমীদের মধ্যে এটিকে প্রিয় পছন্দ করে তোলে। Solanaceae পরিবারের অন্তর্গত এই বার্ষিক বা বহুবর্ষজীবী গাছগুলি ট্রাম্পেট-আকৃতির ফুল তৈরি করে যা সূক্ষ্ম এবং নজরকাড়া রঙের হয়। এদের বিভিন্ন জলবায়ুতে বেড়ে উঠতে পারে, পেটুনিয়ারা বাগান, ঝুলন্ত ঝুড়ি এবং টবে তাদের রঙ এবং কমনীয়তা যোগ করে। তাদের অল্প রক্ষণাবেক্ষণেই প্রচুর ফুল ফুটে উঠতে পারে তাই এটি নতুন ও অভিজ্ঞ উভয় ফুলপ্রেমিকের জন্যই একটি আদর্শ পছন্দ করে তোলে,

সংক্ষিপ্ত ইতিহাস 

1. নেটিভ সাউথ আমেরিকান অরিজিনস (18 শতকের শেষের দিকে): পেটুনিয়া (পেটুনিয়া এসপিপি) দক্ষিণ আমেরিকা, বিশেষ করে আর্জেন্টিনা এবং ব্রাজিলের কিছু স্থান। আদিবাসীরা, যেমন টুপি-গুয়ারানি উপজাতি, তারাই প্রথম চাষ করে  এই রঙিন ফুল

2. ইউরোপীয় ভূমিকা (19 শতকের প্রথম দিকে): ইউরোপীয় উদ্ভিদবিজ্ঞানী এবং অভিযাত্রীরা 19 শতকের গোড়ার দিকে দক্ষিণ আমেরিকায় ভ্রমণের পর তারা পেটুনিয়ার আকর্ষণীয় চেহারা এর বিভিন্ন ধরণের রঙ এবং নিদর্শন দ্বারা মুগ্ধ হয়ে  পেটুনিয়াকে ইউরোপে নিয়ে আসেন।

3. বোটানিকাল ক্লাসিফিকেশন (19 শতকের মাঝামাঝি): 1823 সালে ফরাসি উদ্ভিদবিদ আন্তোইন লরেন্ট ডি জুসিউ(Antoine Laurent de Jussieu) দ্বারা পেটুনিয়া আনুষ্ঠানিকভাবে শ্রেণীবদ্ধ এবং নামকরণ করা হয়েছিল। "পেটুনিয়া" নামটি ফরাসি শব্দ "পেতুন"(petun) থেকে এসেছে যার অর্থ "তামাক"। পেটুনিয়া তামাক গাছের সাথে সম্পর্কিত (নিকোটিয়ানা)।

19 শতকের শেষের দিকে, উদ্যানতত্ত্ববিদ এবং প্রজননকারীরা তাদের শোভাময় মূল্যের জন্য পেটুনিয়া চাষ শুরু করে। এই প্রথম দিকের প্রচেষ্টার ফলে প্রথম চাষ করা হয়, যেগুলি আধুনিক পেটুনিয়ার তুলনায় প্রধানত সুগন্ধি এবং ছোট ফুল ছিল।

20 শতক জুড়ে, পেটুনিয়াস ব্যাপক প্রজনন এবং সংকরকরনের প্রচেষ্টা শুরু হয়েছিল, যার ফলে গ্র্যান্ডিফ্লোরা, মাল্টিফ্লোরা এবং মিলিফ্লোরা সহ বিভিন্ন ধরনের বিকাশ ঘটে। এই নতুন জাতগুলিতে বৃহত্তর ফুল, অনন্য রঙের হয়ে উঠেছিল 

petunia flower care in bengali
petunia flower care in bengali

প্রজাতি 

পেটুনিয়া বিভিন্ন ধরণের রঙ এবং প্যাটার্নে আসে, যা তাদের বাগান, ঝুলন্ত ঝুড়ি এবং টবের জন্য একটি জনপ্রিয় পছন্দ করে তোলে। এখানে বিভিন্ন ধরণের পেটুনিয়া ফুলের বর্ণনা রয়েছে:

গ্র্যান্ডিফ্লোরা পেটুনিয়া, মাল্টিফ্লোরা পেটুনিয়া, মিলিফ্লোরা পেটুনিয়া, ওয়েভ পেটুনিয়া, সারফিনিয়া পেটুনিয়া, ক্যাসকেডিং পেটুনিয়া, ডাবল পেটুনিয়া, ফ্রিলি পেটুনিয়া, ভেইনড পেটুনিয়া, দ্বি-বর্ণের পেটুনিয়া, নাইট স্কাই পেটুনিয়া, ব্ল্যাক ভেলভেট পেটুনিয়া, ক্ষুদ্রাকৃতির পেটুনিয়া, পিকোটি পেটুনিয়া, এবং আরও অনেক প্রজাতি রয়েছে, যেগুলি বিভিন্ন রং, আকার, আকৃতির হয়ে থাকে,

পেটুনিয়া রোপণ:

যেমনটা আমরা জানি অনেকেই পেটুনিয়া নিজের বাগানে অথবা টবে বসিয়ে থাকেন তাই আজ এই গাছ লাগানো সম্পর্কে কিছু তথ্য জেনে নেব 
প্রথমে মাটি তৈরী 

  • মাটি   -- ৫০ %
  • সার   --  ৩০ %
  • নদীর বালি  - ১০ %
  • কোকোপিট  - ১০ % 
  • হাড়গুঁড়ো  ১৫০ গ্রাম প্রতি টব 
petunia potting mix
petunia potting mix


যেকোনো চাষযোগ্য মাটি নিলেই হবে । সারের মধ্যে কেঁচোসার সব থেকে ভালো হয় এটা না পেলে পাতাসার অথবা গোবরসার ব্যবহার করতে পারেন ।
এই সবগুলি ভালো করে মিশিয়ে নিন--এবার আপনার মাটি তৈরী ।
পেটুনিয়া বসানোর জন্য কম করে ৬/৮ ইঞ্চির টব ব্যবহার করা উচিত ।
যেকোনো গাছ বসানোর জন্য সবসময় মাটির টব ব্যবহার করবেন ।
প্রথমে টবটিকে নিন । টবের নিচে যে ফুটো আছে তার ওপরে একটি খোলামকুচি রেখে তার ওপর কিছুটা বালি দিয়ে তবেই তৈরী করা মাটি দেবেন । এতে কি হয় অত্যাধিক জল সহজেই বেরিয়ে যায় আর আপনার গাছের সুসাস্থ্য বজায় থাকে ।
এবার পেটুনিয়ার চারা লাগিয়ে দিযে অল্প জল দিয়ে দিন ।

petunia flower care in bengali
petunia flower care in bengali


এই গাছকে সবসময় সূর্যের আলোর মধ্যে রাখা উচিত ।
পেটুনিয়াতে খুব বেশি জল কখনই দেবেন না । বেশি জল হয়ে গেলে এর শিকড় পচে গিয়ে পুরো গাছটিই মারা যায়। তবে যখন গাছে অনেক ফুল ধরে থাকে তখন একটু বেশি জলের প্রয়োজন হয় ।
বর্ষাকালে একটু খেয়াল রাখবেন খুব বেশি বৃষ্টির সময় টব টিকে গাছসুদ্ধু কাত করেও রেখে দিতে পারেন । 
কিছুদিন পর পর টবের মাটি একটু খুঁড়ে দেবেন । তাতে কি হয় মাটি ফাঁপা থাকলে গাছ সুস্থ থাকে ।
৭/১০ দিন ছাড়া একটু করে সরষে খোল ২-৩ দিন জলে পচিয়ে তার ঘোল টুকু জলের সাথে মিশিয়ে দিয়ে দেবেন ।

পেটুনিয়া পূর্ণ সূর্যের আলোর মধ্যে বৃদ্ধি পায়, যার অর্থ তাদের প্রতিদিন কমপক্ষে 6-8 ঘন্টা সরাসরি সূর্যালোকের প্রয়োজন হয়। যাইহোক তাদের কিছুটা হালকা আলোছায়ায় রাখতে পারেন বিশেষ করে গরম জলবায়ুতে।

কীটপতঙ্গ এবং রোগ:

সাধারণ কীটপতঙ্গ: এফিড, স্লাগ এবং বাডওয়ার্মের জন্য সতর্ক থাকুন। উপযুক্ত কীটনাশক বা প্রাকৃতিক প্রতিকার দিয়ে অবিলম্বে সংক্রমণের চিকিৎসা করুন।

প্রাকৃতিক সমাধান: কীটপতঙ্গ নিয়ন্ত্রণের জন্য নিমের তেল বা কীটনাশক সাবানের মতো প্রাকৃতিক প্রতিকার ব্যবহার করার কথা বিবেচনা করুন। রোগের জন্য, আক্রান্ত গাছের অংশগুলি ছেঁটে ফেলুন এবং মাথার উপরে জল দেওয়া এড়িয়ে চলুন।শুকনো ফুল সবসময় তুলে ফেলে দেবেন তাতে গাছ ও ভালো থাকবে বেশি ফুল হওয়ার সম্ভাবনা বাড়বে এবং ছত্রাকজনিত রোগ এড়ানো যাবে 

সহচর গাছপালা: গাঁদা, ভারবেনা বা লোবেলিয়ার মতো অন্যান্য সূর্যালোকের মধ্যে বড় হওয়া গাছের সাথে যুক্ত হলে পেটুনিয়াকে অত্যাশ্চর্য দেখায়।

petunia flower care in bengali
petunia flower care in bengali

শেষান্তে  

কারও কারও ফুলগাছে কিছুদিন পর ফুল হওয়া কম হয়ে যায় বা পুরোপুরি বন্ধ হয়ে যায় ।
আমার মনে হয় এর কারণ নিয়মিত রাসায়নিক সার প্রয়োগ করা ।
শুরুতে তো এর ফল ভালোই দেখা যায় কিন্তু কিছু দিন পর থেকেই টবের মাটি খারাপ হতে শুরু করে দেয় ।
আমি নিজে এটা উপলব্ধি করেছি ।
নিয়মিত রাসায়নিক সার প্রয়োগের ফলে মাটি রুক্ষ ও শক্ত হয়ে যায় যার ফলে গাছের শিকড় ঠিক ভাবে ছড়াতে পারেনা এবং জল ধারণ করার ক্ষমতাও কমে যায় ।
সেজন্যই আমি নিজে এর ব্যবহার করিনা ও কাউকে এটার পরামর্শও দিই না ।
আমি সব সময় জৈব সারের ব্যবহারই করি ।

ধন্যবাদ 

Wednesday, September 13, 2023

চন্দ্রমল্লিকা ফুলের দেখাশোনা chandramallika care in pots in bengali, chandramallika information in bangla

Hobbyaana

চন্দ্রমল্লিকা ফুলের দেখাশোনা chandramallika care in pots in bengali, chandramallika information in bangla 

চন্দ্রমল্লিকা ফুলের দেখাশোনা
চন্দ্রমল্লিকা ফুলের দেখাশোনা
ভূমিকা:

চন্দ্রমল্লিকা, "মামস" নামেও পরিচিত, চন্দ্রমল্লিকা হল মনমুগ্ধকর ফুল যা যেকোন বাগানে বা অন্দরমহলে রঙ ও প্রাণবন্ততা যোগ করে। এই প্রফুল্ল পুষ্পগুলি অসংখ্য রঙ, আকৃতি এবং আকারে আসে, যা তাদের নতুন এবং পুরানো ফুলপ্রেমী উভয়ের জন্যই একটি আনন্দদায়ক পছন্দ করে তোলে। আপনি এগুলিকে আপনার বাগানের ভিতরে বা বাইরে মাটির টবে বসাতে পারেন, এই ব্লগে, আমরা চন্দ্রমল্লিকা দেখাশোনা ও যত্ন নেওয়া এবং কাটিং করার জন্য প্রয়োজনীয় পরামর্শ এবং কৌশলগুলি অন্বেষণ করব, যাতে আপনি সারা বছর ধরে এই দুর্দান্ত ফুলের সৌন্দর্যে লিপ্ত হতে পারেন।

If you read this article in English please click HERE

यदि आप इस लेख को हिंदी में पढ़ना चाहते हैं तो कृपया यहां CLICK करें

একটি সংক্ষিপ্ত ইতিহাস

প্রাচীন সূচনা (খ্রিস্টপূর্ব 15 শতক - খ্রিস্টপূর্ব 15 শতক): চন্দ্রমল্লিকার গল্প চীনে শুরু হয়, যেখানে শাং রাজবংশের সময় খ্রিস্টপূর্ব 15 শতকের প্রথম দিকে এটির ঔষধি গুণের জন্য এটি চাষ করা হয়েছিল। এটি কেবল তার নান্দনিকতার জন্য মূল্যবান ছিল না বরং এটির বিশ্বাসযোগ্য নিরাময় ক্ষমতার জন্যও মূল্যবান ছিল। ফুলটি মন্দ আত্মাকে তাড়ানোর ক্ষমতার জন্য পরিচিত ছিল এবং প্রায়শই ভেষজ প্রতিকারে ব্যবহৃত হত। এর নাম, "Chrysanthemum", গ্রীক শব্দ "chrysos" (সোনা) এবং "anthemon" (ফুল) থেকে এসেছে, যা এর সোনালী বর্ণগুলিকে প্রতিফলিত করে, যা বন্য জাতের মধ্যে সাধারণ। অনেক স্থানে চা তৈরি করতে চন্দ্রমল্লিকার পাপড়ি ব্যবহার করা হত, যার মধ্যে রোগ নিরাময়ের বৈশিষ্ট্য রয়েছে বলে বিশ্বাস করা হত।

সম্রাটের প্রতীক (খ্রিস্টীয় 3য় শতাব্দী - 9ম শতাব্দী AD): তাং রাজবংশের (618-907 খ্রিস্টাব্দ) সময় চন্দ্রমল্লিকা চীনা সম্রাটদের সাথে ঘনিষ্ঠভাবে যুক্ত হয়েছিল। তারা তাদের সৌন্দর্য এবং প্রতীকী অর্থের জন্য সম্মানিত ছিল, প্রায়শই আভিজাত্য এবং সততার প্রতীক হিসাবে এটি দেখা হত। এই সংঘটি এতটাই শক্তিশালী ছিল যে চন্দ্রমল্লিকাকে সাম্রাজ্যের সিংহাসনে দেখানো হয়েছিল এবং এমনকি নিষিদ্ধ শহরে (Forbidden City) তার নিজস্ব প্রাসাদও ছিল।

জাপানে ফুল ফোটানো (খ্রিস্টীয় 8ম শতাব্দী): 8ম শতাব্দীর দিকে জাপানে চন্দ্রমল্লিকা প্রবর্তিত হয়েছিল, যেখানে এটি দ্রুত জনপ্রিয়তা লাভ করে। এটি জাপানের ইম্পেরিয়াল ক্রেস্ট এবং জাপানি সম্রাট এবং সাম্রাজ্য পরিবারের প্রতীক হয়ে ওঠে। চন্দ্রমল্লিকা সিংহাসন, বা "ক্রাইস্যান্থেমাম সীট"(Chrysanthemum Seat), জাপানি রাজকীয় সিংহাসনকে দেওয়া নাম। এছাড়াও ফুলটি জাপানী উৎসব এবং শিল্পকলায় সাংস্কৃতিক তাৎপর্য রাখে, বিশেষ করে চন্দ্রমল্লিকা উৎসবের কিকু মাতসুরি (Kiku Matsuri) সময়।

chrysanthemum flower
chrysanthemum flower

পশ্চিমে ছড়িয়ে পড়ে (17 শতক - 18 শতক): ইউরোপীয় ব্যবসায়ী এবং অভিযাত্রীরা 17 এবং 18 শতকে পশ্চিমে চন্দ্রমল্লিকা চারাগাছ নিয়ে আসেন। ফুলটি ইউরোপে জনপ্রিয়তা লাভ করে, বিশেষ করে ফ্রান্সে, যেখানে এটি "ফ্লেউর ডি'আমোর" (প্রেমের ফুল) "Fleur d'amour" (flower of love). নামে পরিচিত হয়। এর বৃদ্ধি এবং সংকরকরণের ফলে বিভিন্ন রূপ ও রঙের সৃষ্টি হয়েছে, এর আবেদন প্রসারিত হয়েছে।

আধুনিক প্রতীকবাদ এবং স্থিতিস্থাপকতা (20 শতক - বর্তমান): আধুনিক যুগে, চন্দ্রমল্লিকা বিশ্বজুড়ে ব্যাপকভাবে চাষ করা হয় এবং এর বিভিন্ন অর্থ রয়েছে। অনেক সংস্কৃতিতে, তারা আশাবাদ, আনন্দ এবং দীর্ঘ জীবনের প্রতীক। কিছু দেশে, তারা শোক এবং অন্ত্যেষ্টিক্রিয়ার সাথে যুক্ত। চন্দ্রমল্লিকা শতাব্দী ধরে ঐতিহ্যবাহী চীনা এবং জাপানি ওষুধেও ব্যবহৃত হয়ে আসছে।

আজ, চন্দ্রমল্লিকা বিশ্বব্যাপী একটি প্রিয় ফুল হয়ে উঠেছে, বাগান সাজানোয়, ফুলের প্রয়োজনে এবং উদযাপনে। প্রাচীন চীন থেকে জাপানের লালিত প্রতীক এবং পশ্চিমা বিশ্বে বিভিন্ন আবেগের প্রতীক হয়ে ওঠা পর্যন্ত তাদের যাত্রা তাদের স্থায়ী তাৎপর্য এবং তাদের প্রাণবন্ত ও জটিল পাপড়ির সর্বজনীন আবেদনকে চিত্রিত করে। চন্দ্রমল্লিকার ইতিহাস আমাদের পৃথিবীতে ফুলের স্থায়ী সৌন্দর্য এবং সাংস্কৃতিক তাৎপর্যের একটি প্রমাণ।

ঔষধি ব্যবহার:

ঐতিহ্যবাহী চীনা ওষুধ চন্দ্রমল্লিকার ফুলকে তাদের অনুমিত নিরাময়ের বৈশিষ্ট্যগুলির জন্য ব্যবহার করেছে, যার মধ্যে মাথাব্যথা প্রশমিত করা এবং জ্বর কমানোর ব্যবহার ও রয়েছে।

কিছু সংস্কৃতিতে, চন্দ্রমল্লিকা নির্যাস তাদের সম্ভাব্য প্রদাহ বিরোধী এবং অ্যান্টিঅক্সিডেন্ট বৈশিষ্ট্যের জন্য ব্যবহার করা হয়েছে।

রান্নার ব্যবহার:

কিছু এশিয়ান খাবারে, চন্দ্রমল্লিকার পাপড়ি এবং কচি পাতা সালাদ, স্যুপ এবং ভাজা খাবারের উপাদান হিসেবে ব্যবহার করা হয়।

চন্দ্রমল্লিকার চা চীনে জনপ্রিয় রয়ে গেছে, এবং এটির শীতল এবং প্রশান্তিদায়ক প্রভাব রয়েছে বলে বিশ্বাস করা হয়।

chrysanthemum in pots
chrysanthemum in pots

উদ্যানপালন:

চন্দ্রমল্লিকার প্রজনন তার ফুলের রঙ, আকৃতি এবং আকারের বিস্তৃত পরিসর সহ অসংখ্য জাতগুলির মধ্যে বিকাশ করা হয়েছে।

চন্দ্রমল্লিকা সাধারণত বাগানের শোভা বাড়ানোর গাছপালা হিসাবেই ব্যবহার করা হয়, তাছাড়া প্রায়ই এটিকে পুষ্পপ্রদর্শনগুলিতে দেখা যায় 

Chrysanthemums Asteraceae পরিবারের অন্তর্গত এবং বিভিন্ন আকারের এবং রঙের হয়ে থাকে । ঐতিহ্যবাহী ডেইজির মতো ফুল থেকে শুরু করে বিদেশী pompons এবং spider মতো গঠন, প্রতিটি ফুলপ্রেমীর পছন্দ অনুসারে একটি চন্দ্রমল্লিকা অবশ্যই রয়েছে।

সঠিক জাত নির্বাচন করা:

চন্দ্রমল্লিকা যত্নের জগতে ডুব দেওয়ার আগে, আপনার পছন্দ এবং পরিবেশের সাথে মানানসই সঠিক জাতগুলি নির্বাচন করা গুরুত্বপূর্ণ। চন্দ্রমল্লিকাকে বিস্তৃতভাবে বিভিন্ন প্রকারে শ্রেণীবদ্ধ করা হয়, যার মধ্যে রয়েছে "decorative," "spider," "pompom," এবং আরও অনেক কিছু। প্রতিটি প্রকার তার অনন্য রূপ ও রঙের জন্য সমাদৃত, তাই অন্বেষণ করতে এবং আপনার হৃদয়কে মোহিত করে এমন চন্দ্রমল্লিকা বেছে নিতে কিছু সময় নিন।

 রোপণ:

A. সঠিক পাত্র নির্বাচন করা: 

জবা গাছ বসানোর জন্য কম করে ১০ ইঞ্চির টব ব্যবহার করা উচিত । গাছ এক দেড় বছর পুরানো হয়ে গেলে তখন ১২ বা ১৫ অথবা আরো বড় কোনো জায়গায় প্রতিস্থাপন করতে পারেন ।
যেকোনো গাছ বসানোর জন্য সবসময় মাটির টব ব্যবহার করবেন ।
প্রথমে টবটিকে নিন । টবের নিচে যে ফুটো আছে তার ওপরে একটি খোলামকুচি রেখে তার ওপর কিছুটা বালি দিয়ে তবেই তৈরী করা মাটি দেবেন । এতে কি হয় অত্যাধিক জল সহজেই বেরিয়ে যায় আর আপনার গাছের সুসাস্থ্য বজায় থাকে ।

B. মাটি তৈরী :
  • মাটি   -- ৫০ %
  • সার   --  ৩০ %
  • নদীর বালি  - ১০ %
  • কোকোপিট  - ১০ % 
  • হাড়গুঁড়ো  ২৫০ গ্রাম প্রতি টব 

যেকোনো চাষযোগ্য মাটি নিলেই হবে । সারের মধ্যে কেঁচোসার সব থেকে ভালো হয় এটা না পেলে পাতাসার অথবা গোবরসার ব্যবহার করতে পারেন ।এই সবগুলি ভালো করে মিশিয়ে নিন--এবার আপনার মাটি তৈরী ।এবার চন্দ্রমল্লিকা গাছের চারা লাগিয়ে দিযে অল্প জল দিয়ে দিন ।

chrysanthemum potting mix
chrysanthemum potting mix


C. সূর্যালোকের প্রয়োজনীয়তা: চন্দ্রমল্লিকা পূর্ণ সূর্যালোকে সমৃদ্ধ হয়, তাই পাত্রগুলিকে এমন জায়গায় রাখুন যেখানে প্রতিদিন কমপক্ষে 6 ঘন্টা সরাসরি সূর্যালোক পাওয়া যায়।

D. জল দেওয়া: মাটি ক্রমাগত আর্দ্র রাখুন কিন্তু জলাবদ্ধ নয়। মাটির উপরের অংশ স্পর্শে শুকিয়ে গেলে তবেই গাছে জল দিন।

E. নিষিক্তকরণ: ক্রমবর্ধমান ঋতুতে প্রতি দুই থেকে তিন সপ্তাহে একটি সুষম তরল সার দিয়ে আপনার টবের চন্দ্রমল্লিকা পুষ্টি যোগান।

F. অতিরিক্ত জল: আপনি যদি ঠান্ডা জলবায়ুতে বাস করেন, তাহলে তুষারপাতের হাত থেকে রক্ষা করার জন্য শীতকালে টবের চন্দ্রমল্লিকা বাড়ির ভিতরে নিয়ে আসার কথা বিবেচনা করুন।

বর্ষাকালে একটু খেয়াল রাখবেন খুব বেশি বৃষ্টির সময় টব টিকে গাছসুদ্ধু কাত করেও রেখে দিতে পারেন । 
কিছুদিন পর পর টবের মাটি একটু খুঁড়ে দেবেন । তাতে কি হয় মাটি ফাঁপা থাকলে গাছ সুস্থ থাকে ।
১০-১৫ দিন ছাড়া একটু করে সরষে খোল ২-৩ দিন জলে পচিয়ে তার ঘোল টুকু দিয়ে দেবেন ।

গৃহমধ্যস্থ চন্দ্রমল্লিকার যত্ন:

গৃহমধ্যস্থ চাষের জন্য, এমন আকারের পাত্র বেছে নিন যেটি ভালভাবে অতিরিক্ত জল  নিষ্কাশন করে। স্বাস্থ্যকর বৃদ্ধির জন্য একটি পুষ্টি সমৃদ্ধ, ভাল-বায়ুযুক্ত পটিং মিশ্রণ ব্যবহার করুন। পাত্রগুলি এমন জায়গায় রাখুন যেখানে প্রতিদিন কমপক্ষে 6-8 ঘন্টা সূর্যালোক পাওয়া যায়। সমান বৃদ্ধি এবং সূর্যালোকের এক্সপোজার নিশ্চিত করতে পাত্রগুলি নিয়মিত ঘোরান।

চন্দ্রমল্লিকা সঠিক যত্নের সাথে বাড়ির অভ্যন্তরে উন্নতি করতে পারে। এখানে কিছু টিপস রইল:

তাপমাত্রা: একটি ঠাণ্ডা তাপমাত্রা বজায় রাখুন, আদর্শভাবে দিনে প্রায় 65-70 ° ফারেনহাইট (18-21 ° সে) এবং রাতে কিছুটা ঠান্ডা।

আর্দ্রতা: চন্দ্রমল্লিকা মাঝারি আর্দ্রতা পছন্দ করে। বাতাস শুষ্ক হলে, একটি হিউমিডিফায়ার ব্যবহার করে বা গাছের কাছে জলের ট্রে রাখার কথা বিবেচনা করুন।

ছাঁটাই: ঝোপঝাড়ের বৃদ্ধি এবং আরও ফুল পাবার জন্য গাছের ডগা নিয়মিত ছাঁটাই করুন। এটি গ্রীষ্মের শুরু পর্যন্ত করা যেতে পারে।

chrysanthemum in garden
chrysanthemum in garden

বাগানে চন্দ্রমল্লিকা যত্ন:

আপনার বাগানে চন্দ্রমল্লিকা বাড়ার সময়, এই নির্দেশিকাগুলি অনুসরণ করুন:

রোপণের সময়: আপনার স্থানের উপর নির্ভর করে, বসন্তে বা গ্রীষ্মের শুরুতে চন্দ্রমল্লিকা রোপণ করুন, তাদের ফুলের মরসুমের আগে বড় হওয়ার জন্য যথেষ্ট সময় দিন।

সূর্যের আলো: চন্দ্রমল্লিকা সূর্যালোক পছন্দ করে। নিশ্চিত করুন যে তারা যেন প্রতিদিন কমপক্ষে 6 ঘন্টা সরাসরি সূর্যালোক পায়।

জল দেওয়া: গাছগুলিকে গভীরভাবে জল দিন কিন্তু কদাচিৎ। মাটির আর্দ্রতা লক্ষ্য করুন।

মালচিং: আর্দ্রতা ধরে রাখতে, আগাছা দমন করতে এবং তাপমাত্রার ওঠানামা থেকে শিকড় রক্ষা করতে গাছের চারপাশে জৈব মালচের একটি স্তর প্রয়োগ করুন।

চন্দ্রমল্লিকা ছাঁটাই এবং কাটা:

আপনার চন্দ্রমল্লিকা স্বাস্থ্য এবং আকৃতি বজায় রাখার জন্য নিয়মিত ছাঁটাই অপরিহার্য। এই পদক্ষেপগুলি অনুসরণ করুন:

ডেডহেডিং: ক্রমাগত ফুল ফোটানোর জন্য নিয়মিত বিবর্ণ ফুলগুলি সরিয়ে ফেলুন।

সম্পূর্ণ ছাঁটাই: শরতের শেষ দিকে বা বসন্তের শুরুতে, পরবর্তী ঋতুতে নতুন বৃদ্ধির জন্য গাছগুলিকে মাটি থেকে কয়েক ইঞ্চি উপরে ছাঁটাই করুন।

বিন্যাসের জন্য কাটা: ফুলের বিন্যাসের জন্য চন্দ্রমল্লিকা ছাঁটাই করার সময়, অধিক সংখ্যক ফুল পাবার জন্য সবেমাত্র ফুটতে শুরু করা কুঁড়ি সহ গাছের ডগা কেটে ফেলুন।

কীটপতঙ্গ এবং রোগ থেকে রক্ষা করা:

এফিড, মাকড়সার মাইট এবং শুঁয়োপোকার মতো সাধারণ কীটপতঙ্গের দিকে নজর রাখুন, কারণ তারা পাতা এবং ফুলের ক্ষতি করতে পারে। সংক্রমণের ক্ষেত্রে, কীটনাশক সাবান বা নিম তেল দিয়ে আপনার গাছে স্প্রে করুন। উপরন্তু, ভাল বায়ু সঞ্চালন নিশ্চিত করুন এবং পাউডারি মিলডিউ এর মত ছত্রাকজনিত রোগ প্রতিরোধ করতে অতিরিক্ত জল দেওয়া এড়িয়ে চলুন।

বাঁধার প্রয়োজন: কিছু চন্দ্রমল্লিকা জাতের ডালপালা লম্বা হওয়ার সাথে সাথে তাদের ডালপালাকে সমর্থন করার জন্য বাঁধার প্রয়োজন হতে পারে।

chrysanthemum flower variety
chrysanthemum flower variety 

শেষান্তে  

কারও কারও ফুলগাছে কিছুদিন পর ফুল হওয়া কম হয়ে যায় বা পুরোপুরি বন্ধ হয়ে যায় ।
আমার মনে হয় এর কারণ নিয়মিত রাসায়নিক সার প্রয়োগ করা ।
শুরুতে তো এর ফল ভালোই দেখা যায় কিন্তু কিছু দিন পর থেকেই টবের মাটি খারাপ হতে শুরু করে দেয় ।
আমি নিজে এটা উপলব্ধি করেছি ।
নিয়মিত রাসায়নিক সার প্রয়োগের ফলে মাটি রুক্ষ ও শক্ত হয়ে যায় যার ফলে গাছের শিকড় ঠিক ভাবে ছড়াতে পারেনা এবং জল ধারণ করার ক্ষমতাও কমে যায় ।
সেজন্যই আমি নিজে এর ব্যবহার করিনা ও কাউকে এটার পরামর্শও দিই না । 
আমি সব সময় জৈব সারের ব্যবহারই করি ।

অন্য লেখা পড়ার জন্য এগুলিতে ক্লিক করুন - রজনীগন্ধা , এডেনিয়াম , বাগানবিলাস , বদ্রি পাখি , লাভ বার্ড ১ , লাভ বার্ড ২ , জবা ,

ধন্যবাদ 

Tuesday, September 5, 2023

गुलदाउदी का फूल chrysanthemum growing in pots plantation care tips Indoors and outdoors in Hindi

Hobbyaana

गुलदाउदी का फूल chrysanthemum growing in pots plantation care tips Indoors and outdoors in Hindi 

गुलदाउदी का फूल
गुलदाउदी का फूल

परिचय:

गुलदाउदी, जिसे "मम्स" के नाम से भी जाना जाता है, आकर्षक फूल हैं जो किसी भी बगीचे या इनडोर स्थान में रंग और जीवंतता की बौछार जोड़ते हैं। ये प्रसन्न फूल असंख्य रंगों, आकृतियों और आकारों में आते हैं, जो उन्हें नौसिखिया और अनुभवी माली दोनों के लिए एक आनंददायक विकल्प बनाते हैं। चाहे आप उन्हें अपने बगीचे में घर के अंदर या बाहर गमलों में उगाना चाहें, गुलदाउदी की देखभाल की कला में महारत हासिल करने से यह सुनिश्चित हो जाएगा कि आप एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला पुष्प प्रदर्शन देखेंगे जो हफ्तों तक बना रहेगा। इस ब्लॉग में, हम गुलदाउदी को उगाने, देखभाल करने और काटने के लिए आवश्यक युक्तियों और तकनीकों का पता लगाएंगे, ताकि आप साल भर इन शानदार फूलों की सुंदरता का आनंद उठा सकें।

If you read this article in English please click HERE

এই লেখাটি বাংলায় পড়ার জন্য এইখানে CLICK করুন 

एक संक्षिप्त इतिहास

प्राचीन शुरुआत (15वीं शताब्दी ईसा पूर्व - तीसरी शताब्दी ईस्वी): गुलदाउदी की कहानी चीन में शुरू होती है, जहां शांग राजवंश के दौरान 15वीं शताब्दी ईसा पूर्व में इसकी औषधीय गुणों के लिए खेती की गई थी। इसे न केवल इसके सौंदर्यशास्त्र के लिए बल्कि इसकी उपचारात्मक शक्तियों के लिए भी महत्व दिया गया था। यह फूल बुरी आत्माओं को दूर भगाने की क्षमता के लिए जाना जाता था और अक्सर इसका उपयोग हर्बल उपचार में किया जाता था। इसका नाम, "क्राइसेंथेमम", ग्रीक शब्द "क्राइसोस" (सोना) और "एंथेमॉन" (फूल) से आया है, जो इसके सुनहरे रंग को दर्शाता है, जो जंगली किस्मों में आम है।

चाय बनाने के लिए गुलदाउदी की पंखुड़ियों का उपयोग किया जाता था, जिसके बारे में माना जाता था कि इसमें उपचार गुण होते हैं।

सम्राट का प्रतीक (तीसरी शताब्दी ईस्वी - 9वीं शताब्दी ईस्वी): तांग राजवंश (618-907 ईस्वी) के दौरान गुलदाउदी चीनी सम्राटों के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए थे। वे अपनी सुंदरता और प्रतीकात्मक अर्थ के लिए पूजनीय थे, जिन्हें अक्सर बड़प्पन और अखंडता के प्रतीक के रूप में देखा जाता था। यह जुड़ाव इतना मजबूत था कि गुलदाउदी को शाही सिंहासन पर चित्रित किया गया था और यहां तक कि फॉरबिडन सिटी में उसका अपना महल भी था।

गुलदाउदी का फूल
गुलदाउदी का फूल


जापान में खिलना (8वीं शताब्दी ईस्वी): गुलदाउदी को 8वीं शताब्दी ईस्वी के आसपास जापान में लाया गया था, जहां इसने तेजी से लोकप्रियता हासिल की। यह जापान का शाही शिखर और जापानी सम्राट और शाही परिवार का प्रतीक बन गया। क्रिसेंथेमम सिंहासन, या "क्राइसेंथेमम सीट", जापानी शाही सिंहासन को दिया गया नाम है। यह फूल जापानी त्योहारों और कला में भी सांस्कृतिक महत्व रखता है, खासकर गुलदाउदी महोत्सव (किकू मात्सुरी) के दौरान।

पश्चिम में फैला (17वीं शताब्दी - 18वीं शताब्दी): यूरोपीय व्यापारी और खोजकर्ता 17वीं और 18वीं शताब्दी में गुलदाउदी के पौधों को पश्चिम में वापस लाए। इस फूल ने यूरोप में लोकप्रियता हासिल की, विशेष रूप से फ्रांस में, जहां इसे "फ़्लूर डी'अमोर" (प्यार का फूल) के रूप में जाना जाने लगा। इसके विकास और संकरण के परिणामस्वरूप विभिन्न रूप और रंग सामने आए, जिससे इसका आकर्षण बढ़ गया।

आधुनिक प्रतीकवाद और लचीलापन (20वीं शताब्दी - वर्तमान): आधुनिक युग में, गुलदाउदी की दुनिया भर में व्यापक रूप से खेती की जाती है और इसके विविध अर्थ हैं। कई संस्कृतियों में, वे आशावाद, खुशी और लंबे जीवन का प्रतीक हैं। कुछ देशों में, वे शोक और अंत्येष्टि से जुड़े हुए हैं। गुलदाउदी का उपयोग सदियों से पारंपरिक चीनी और जापानी चिकित्सा में भी किया जाता रहा है।

आज, गुलदाउदी विश्व स्तर पर एक प्रिय फूल बना हुआ है, जो बगीचों, फूलों की सजावट और उत्सवों की शोभा बढ़ाता है। प्राचीन चीन से जापान का एक प्रतिष्ठित प्रतीक और पश्चिमी दुनिया में विविध भावनाओं का प्रतीक बनने तक की उनकी यात्रा उनके स्थायी महत्व और उनकी जीवंत, जटिल पंखुड़ियों की सार्वभौमिक अपील को दर्शाती है। गुलदाउदी का इतिहास हमारी दुनिया में फूलों की स्थायी सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व का प्रमाण है।

गुलदाउदी का फूल
गुलदाउदी का फूल


औषधीय उपयोग:

पारंपरिक चीनी चिकित्सा ने गुलदाउदी के फूलों का उपयोग उनके कथित उपचार गुणों के लिए किया है, जिसमें सुखदायक सिरदर्द और बुखार को कम करना शामिल है।

कुछ संस्कृतियों में, गुलदाउदी के अर्क का उपयोग उनके संभावित सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए किया गया है।

पाककला में उपयोग:

कुछ एशियाई व्यंजनों में, गुलदाउदी की पंखुड़ियों और युवा पत्तियों का उपयोग सलाद, सूप और तले हुए व्यंजनों में सामग्री के रूप में किया जाता है।

गुलदाउदी चाय चीन में लोकप्रिय बनी हुई है, और माना जाता है कि इसका प्रभाव ठंडा और सुखदायक होता है।

बागवानी:

गुलदाउदी के प्रजनन से फूलों के रंग, आकार और आकार की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ कई किस्मों का विकास हुआ है।

गुलदाउदी को आमतौर पर सजावटी उद्यान पौधों के रूप में उगाया जाता है, जो अक्सर परिदृश्य और फूलों की प्रदर्शनी को सजाते हैं।

कीट विकर्षक: गुलदाउदी के फूलों में पाइरेथ्रिन होता है, जो एक प्राकृतिक कीट विकर्षक है। पाइरेथ्रिन को सूखे फूलों के सिरों से निकाला जाता है और विभिन्न कीटनाशकों और मच्छर प्रतिरोधी उत्पादों में उपयोग किया जाता है।

गुलदाउदी को समझना:

गुलदाउदी एस्टेरेसी परिवार से संबंधित हैं और विभिन्न प्रकार के आकार, आकार और रंगों में आते हैं। पारंपरिक डेज़ी जैसे फूलों से लेकर विदेशी धूमधाम और मकड़ी जैसी संरचनाओं तक, हर माली के स्वाद के अनुरूप गुलदाउदी मौजूद है।

गुलदाउदी का फूल
गुलदाउदी का फूल

1. सही किस्मों का चयन:

गुलदाउदी की देखभाल की दुनिया में उतरने से पहले, सही किस्मों का चयन करना महत्वपूर्ण है जो आपकी प्राथमिकताओं और पर्यावरण के अनुकूल हों। गुलदाउदी को मोटे तौर पर विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है, जिनमें "सजावटी," "मकड़ी," "पोम्पोम" और भी बहुत कुछ शामिल हैं। प्रत्येक प्रकार अपने अनूठे आकर्षण का दावा करता है, इसलिए उन चीज़ों को खोजने और चुनने में कुछ समय लें जो आपके दिल को लुभाती हैं।

2. गमले लगाना और रोपण करना:

A  सही गमले का चयन: जड़ों में जलभराव को रोकने के लिए अच्छे जल निकासी वाले कंटेनर का चयन करें। एक पौधे के लिए 12 से 16 इंच व्यास वाला गमला आदर्श होता है।

B  गुणवत्ता वाली मिट्टी: अच्छी जल निकासी वाली, पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी का उपयोग करें, अधिमानतः गमले की मिट्टी, पेर्लाइट और खाद का मिश्रण।

C  सूर्य के प्रकाश की आवश्यकताएँ: गुलदाउदी पूर्ण सूर्य के प्रकाश में पनपते हैं, इसलिए गमलों को ऐसे स्थान पर रखें जहाँ प्रतिदिन कम से कम 6 घंटे सीधी धूप मिलती हो।

D  पानी देना: मिट्टी को लगातार नम रखें लेकिन जलभराव न रखें। पौधे को तब पानी दें जब ऊपरी इंच की मिट्टी छूने पर सूखी लगे।

E  खाद देना: बढ़ते मौसम के दौरान हर दो से तीन सप्ताह में अपने गमले में लगे गुलदाउदी को संतुलित तरल उर्वरक खिलाएं।

F  ओवरविन्टरिंग: यदि आप ठंडी जलवायु में रहते हैं, तो इसे ठंढ से बचाने के लिए सर्दियों के दौरान गमले में लगे गुलदाउदी को घर के अंदर लाने पर विचार करें।

3. पानी देना और खिलाना:

गुलदाउदी को मिट्टी को समान रूप से नम रखने के लिए नियमित रूप से पानी देने की आवश्यकता होती है, लेकिन जलभराव नहीं होता है। पानी देते समय, पौधे के आधार को ध्यान में रखें ताकि पत्ते गीले न हों, क्योंकि नम पत्ते बीमारियों के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं। बढ़ते मौसम के दौरान, अपने गुलदाउदी को हर दो से तीन सप्ताह में संतुलित, पानी में घुलनशील उर्वरक खिलाएं। एक बार जब कलियाँ बनने लगें, तो मजबूत फूल को बढ़ावा देने के लिए पोटेशियम में उच्च उर्वरक का उपयोग करें।

गुलदाउदी का फूल
गुलदाउदी का फूल


4. गुलदाउदी की छंटाई और कटाई:

आपके गुलदाउदी के स्वास्थ्य और आकार को बनाए रखने के लिए नियमित छंटाई आवश्यक है। इन चरणों का पालन करें:

A   डेडहेडिंग: निरंतर खिलने को प्रोत्साहित करने के लिए मुरझाए फूलों को नियमित रूप से हटाएं।

B  पतझड़ में छंटाई: पतझड़ के अंत या शुरुआती वसंत में, अगले मौसम में नई वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए पौधों को जमीन से कुछ इंच ऊपर वापस काट दें।

C  व्यवस्था के लिए काटना: फूलों की सजावट के लिए गुलदाउदी काटते समय, लंबे समय तक चलने वाले प्रदर्शन के लिए कलियों वाले तने चुनें जो अभी खिलना शुरू हुए हों।

झाड़ीदार विकास और अधिक प्रचुर मात्रा में फूलों को प्रोत्साहित करने के लिए, पिंचिंग और प्रूनिंग का अभ्यास करें। जब गुलदाउदी के युवा पौधे लगभग 6 इंच लंबे हो जाएं तो उनके सिरों को पीछे की ओर दबाएं। यह शाखाओं को उत्तेजित करेगा और एक पूर्ण पौधा तैयार करेगा। बढ़ते मौसम के दौरान, निरंतर खिलने को बढ़ावा देने के लिए किसी भी मृत फूल को चुटकी बजाते हुए हटा दें।

5. कीटों और बीमारियों से बचाव:

एफिड्स, स्पाइडर माइट्स और कैटरपिलर जैसे सामान्य कीटों पर नजर रखें, क्योंकि वे पत्ते और फूलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। संक्रमण की स्थिति में, अपने पौधों को कीटनाशक साबुन या नीम के तेल से उपचारित करें। इसके अतिरिक्त, अच्छा वायु संचार सुनिश्चित करें और ख़स्ता फफूंदी जैसी फफूंद जनित बीमारियों को रोकने के लिए अधिक पानी देने से बचें।

6. ओवरविन्टरिंग गुलदाउदी:

गुलदाउदी बारहमासी फूल हैं, लेकिन उनकी कठोरता विविधता और आपकी जलवायु के आधार पर भिन्न होती है। ठंडे क्षेत्रों में, पहली ठंढ के बाद मिट्टी के स्तर से कुछ इंच ऊपर तनों को काटकर उन्हें ओवरविन्टर करने पर विचार करें। जड़ों को ठंडे तापमान से बचाने के लिए पौधों को पुआल या पत्तियों से ढक दें।

7. गुलदाउदी के फूल काटना:

जब गुलदस्ते या सजावट के लिए आपके गुलदाउदी के फूलों को काटने का समय हो, तो फूलदान के सबसे लंबे जीवन के लिए ऐसे फूल चुनें जो अभी खिलना शुरू हुए हों। एक कोण पर साफ कटौती करने के लिए तेज कैंची या छंटाई वाली कैंची का उपयोग करें। उन्हें बार-बार काटने में संकोच न करें, क्योंकि इससे पौधे को और भी अधिक फूल पैदा करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

स्टेकिंग: कुछ गुलदाउदी किस्मों को लंबे होने पर उनके तनों को सहारा देने के लिए स्टेकिंग की आवश्यकता हो सकती है।

गुलदाउदी का फूल
गुलदाउदी का फूल


इनडोर गुलदाउदी की देखभाल: 

इनडोर खेती के लिए, ऐसे आकार के अच्छी जल निकासी वाले गमले चुनें जो पौधे की जड़ प्रणाली के अनुकूल हों। स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर, अच्छी तरह वातित पॉटिंग मिश्रण का उपयोग करें। गमलों को ऐसे स्थान पर रखें जहाँ प्रतिदिन कम से कम 6-8 घंटे धूप मिले। समान विकास और सूर्य के प्रकाश के संपर्क को सुनिश्चित करने के लिए बर्तनों को नियमित रूप से घुमाएँ।

उचित देखभाल के साथ गुलदाउदी घर के अंदर भी पनप सकती है। यहाँ कुछ युक्तियाँ हैं:

तापमान: घर के अंदर ठंडा तापमान बनाए रखें, आदर्श रूप से दिन के दौरान लगभग 65-70°F (18-21°C) और रात में थोड़ा ठंडा।

आर्द्रता: गुलदाउदी मध्यम आर्द्रता स्तर पसंद करते हैं। यदि हवा शुष्क है, तो ह्यूमिडिफायर का उपयोग करने या पौधों के पास पानी की एक ट्रे रखने पर विचार करें।

छंटाई: झाड़ीदार विकास और अधिक फूलों को प्रोत्साहित करने के लिए नियमित रूप से बढ़ती हुई युक्तियों को काट-छाँट करें। यह गर्मियों की शुरुआत तक किया जा सकता है।

आउटडोर गुलदाउदी देखभाल:

अपने बगीचे में गुलदाउदी उगाते समय, इन दिशानिर्देशों का पालन करें:

रोपण का समय: अपने स्थान के आधार पर, वसंत या गर्मियों की शुरुआत में गुलदाउदी लगाएं, जिससे उन्हें खिलने के मौसम से पहले स्थापित होने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।

सूरज की रोशनी: गुलदाउदी को सूरज की रोशनी पसंद है। सुनिश्चित करें कि उन्हें प्रतिदिन कम से कम 6 घंटे सीधी धूप मिले।

पानी देना: पौधों को गहराई से लेकिन कभी-कभार पानी दें। मिट्टी की नमी का लक्ष्य रखें, संतृप्ति का नहीं।

मल्चिंग: नमी बनाए रखने, खरपतवारों को दबाने और जड़ों को तापमान के उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए पौधों के चारों ओर जैविक गीली घास की एक परत लगाएं।

गुलदाउदी का फूल
गुलदाउदी का फूल


निष्कर्ष:

इन गुलदाउदी देखभाल युक्तियों का पालन करके, आप इन शानदार फूलों की वास्तविक क्षमता को उजागर करेंगे। चाहे आपके इनडोर स्थानों को अपने आकर्षण से सजाना हो या आपके बगीचे को रंगों की मंत्रमुग्ध कर देने वाली टेपेस्ट्री में बदलना हो, गुलदाउदी आपके प्रयासों को फूलों के लुभावने प्रदर्शन के साथ पुरस्कृत करेगी। थोड़े से प्यार और ध्यान से, ये फूल आपको चकाचौंध करते रहेंगे, पूरे मौसम में खुशी और सुंदरता फैलाते रहेंगे। तो, कुछ गुलदाउदी किस्मों पर अपना हाथ डालें और बागवानी के आनंद की एक आनंदमय यात्रा पर निकल पड़ें!

धन्यवाद